ग्रंथ संत गुरु घासीदास नामायण - लेखक - खेमराज मनोहरदास नृसिंह

ग्रंथ का नाम नामायण ही क्यों ? नामायण का अर्थ है नाम की महिमा, इस ग्रंथ में सतनाम ज्ञान, संत शिरोमणि गुरु घासीदास जी जीवन वृतांत वर्णन, ग्रंथ के माध्यम से मानव जीवन के उत्थान को बताने का प्रयास किया गया है | इस ग्रंथ में 7 भाग है, सामने का भाग पीछे का भाग इस ग्रंथ को आप इस पते में जाकर या इन नंबर से आर्डर कर सकते है, ऊपर पुस्तक में देखे इस ग्रंथ में कुल 664 Page है | ग्रंथ के रचियता - लेखक - आदि कवि मनोहरदास नृसिंह, गुरु घासीदास अलंकरण से विभूषित